यह Sarkari कंपनी पर आया 20% तेज़ी का टारगेट प्राइस जाने क्या कहा मोतीलाल ओसवाल ने

भारत में PSU स्टॉक्स ने हाल ही में निवेशकों के बीच नई उम्मीद जगाई है। खासकर इंड्राप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) जैसे स्टॉक्स पर दो प्रमुख ब्रोकरेज हाउसेस — UBS और मोतीलाल ओसवाल — ने ‘BUY’ रेटिंग जारी की है। दोनों का मानना है कि हालिया नीतिगत सुधारों से इस स्टॉक की कीमत में लगभग 20% तक का उछाल संभव है।

IGL एक प्रमुख सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है जिसे 1998 में स्थापित किया गया था। यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) और पाइप्ड प्राकृतिक गैस (PNG) की आपूर्ति करती है। कंपनी का मुख्य फोकस स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण अनुकूल गैस की उपलब्धता पर है। 1 अक्टूबर 2025 से गुजरात में गैस की interstate बिक्री पर लगाए जाने वाले 15% वैट की जगह 2% सेंट्रल सेल्स टैक्स लागू हो गया है। इस बदलाव से IGL की गैस सोर्सिंग लागत में कमी आएगी, जिससे कंपनी के मुनाफे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। UBS ने इसे “टैक्स ओवरहैंग” का अंत बताया है।

EBITDA मार्जिन पर होगा सकारात्मक असर

मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक, इस कर सुधार से IGL को प्रति standard cubic meter (scm) लगभग ₹0.9 का EBITDA मार्जिन लाभ होगा। इससे कुल मिलाकर 16 से 20% तक की मार्जिन वृद्धि देखी जा सकती है। PNGRB की टू-ज़ोन टैरिफ नीति सुधार के कारण भी डिलीवरी लागत में कमी आएगी।

टू-ज़ोन टैरिफ सुधार का महत्व

पीएनजीआरबी ने 2025 में यूनिफाइड टैरिफ को तीन से घटाकर दो ज़ोन कर दिया है। CNG और घरेलू PNG पर अब ज़ोन-1 का लाभ मिलेगा, जो तेल एवं गैस की लागतों को घटाने में मदद करेगा। IGL प्रबंधन ने Q1 FY26 के कॉल में इस सुधार से ₹0.7 से ₹1.3 प्रति scm के EBITDA लाभ की संभावना जताई है।

शेयरहोल्डिंग पैटर्न की स्थिरता

1QFY26 रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2025 में IGL के प्रमोटर का हिस्सा 45%, संस्थागत निवेशकों का 29%, विदेशी निवेशकों का 16.8%, और अन्य का 9.2% था। यह शेयरधारिता पिछले कुछ तिमाहियों से स्थिर बनी हुई है, जो निवेशकों के लिए भरोसेमंद संकेत है।

वैल्युएशन और लक्ष्य

मोतीलाल ओसवाल ने IGL के लिए 16 गुना FY27E कंसोलिडेटेड P/E आधारित वैल्युएशन देते हुए ₹250 प्रति शेयर का लक्ष्य रखा है। UBS ने भी इसी लक्ष्य के साथ ‘BUY’ की सलाह जारी की है, जो कर लाभ और EBITDA मार्जिन में सुधार पर आधारित है।Q1 FY26 में IGL की कुल गैस वॉल्यूम में 6% की बढ़ोतरी हुई है, और प्रति scm EBITDA लगभग ₹6.16 दर्ज किया गया। गुजरात से गैस की सोर्सिंग अधिक होने से टैक्स में हुए बदलाव का प्रभाव यहां अधिक स्पष्ट होगा। कंपनी ने 7-8 के EBITDA प्रति scm की लंबी अवधि की मार्गदर्शिका भी दोहराई है। हालिया कर नीति सुधार से लागत और मार्जिन संरचना में तुरंत सुधार संभव है। साथ ही, टिकाऊ घरेलू गैस आवंटन, उपभोक्ता पास-थ्रू, कच्चे तेल के दाम, और सरकारी नीतियां भविष्य में कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं।

निष्कर्ष

भारत के PSU सेक्टर में IGL जैसे स्टॉक्स कमजोर कर संरचनाओं में सुधार और नीतिगत समर्थन से लाभान्वित हो रहे हैं। निवेशकों के लिए यह समय PSU स्टॉक्स में अवसर तलाशने और समझदारी से निवेश करने का है।

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